Mahakumbh 2025 : महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या पर बनेगा रिकॉर्ड

Siddarth Saurabh

Mahakumbh 2025 : महाकुंभ में श्रद्धालुओं का महासैलाब उमड़ रहा है. अब तक 16 दिनों में करीब 15 करोड़ लोग गंगा में डुबकी लगा चुके हैं. सबकी नजर अब आज की मौनी अमावस्या वाले स्नान पर है जिसे लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह भी बहुत ज्यादा है. सरकार और प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती ये है कि श्रद्धालुओं की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है. आज मौनी अमावस्या है. 144 वर्ष में एक बार पड़ने वाले महाकुंभ पर इस दिन संगम स्नान को बहुत शुभ माना जाता है.ऐसे में देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज आ रहे हैं.

प्रयागराज में आप जहां तक नजर दौड़ाएंगे, आपको सिर्फ भीड़ दिखेगी. देश के अलग अलग हिस्सों से प्रयागराज आ रहे लोगों की संख्या भी कम नहीं है. ट्रेन में जगह नहीं है. प्रयागराज के लिए टिकट फुल है. स्टेशन पर यात्रियों की संख्या अचानक बढ़ चुकी है.

सरकार के दावे के अनुसार आज मौनी अमावस्या के मौके पर 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. एक दावा ये भी है कि मंगलवार को करीब 4 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई. दावा ये भी है कि महाकुंभ में अब तक करीब 15 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं. दावा ये भी है कि औसतन 1 करोड़ लोग रोज महाकुंभ में डुबकी लगाने जा रहे हैं. सरकार का ये भी दावा है कि महाकुंभ में कुल 45 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है.

सरकार का दावा है कि प्रयागराज में श्रद्धालुओं की संख्या इतनी विशाल है, जितनी कई देशों की आबादी भी नहीं है. सरकारी दावे के अनुसार, 15 करोड़ से अधिक लोग महाकुंभ में अब तक आस्था की डुबकी लगा चुके हैं, हिसाब लगाएं तो ये संख्या रूस की कुल आबादी 14 करोड़ 48 लाख से अधिक है. जापान की आबादी 12 करोड़ से अधिक है. जर्मनी की जनसंख्या 8 करोड़ से अधिक है. इटली की आबादी 6 करोड़ से अधिक, स्पेन की आबादी 4 करोड़ से अधिक, ऑस्ट्रेलिया की आबादी ढाई करोड़ से अधिक और दक्षिण अफ्रीका की आबादी 6 करोड़ से अधिक है.

यानी, सच पूछिए तो महाकुंभ में आस्था के इस सैलाब को नियंत्रित कर पाना, महाकुंभ का सफल आयोजन करा पाना किसी महान चुनौती से कम नहीं है. यह बताने के पीछे हमारा मकसद आपको डराना बिल्कुल नहीं है. श्रद्धालुओं के लिए मौनी अमावस्या पर पुण्य कमाने का ये मौका बार-बार नहीं आता, लेकिन हमारा मकसद आपको जागरूक करना जरूर है कि आप इस भीड़ में सुरक्षित रहकर आस्था की पवित्र डुबकी कैसे लगा सकते हैं? और हमारा ये भी मकसद है किआपको ये पता रहे कि महाकुंभ में महा स्नान के लिए सरकार की ओर से क्या-क्या तैयारियां की गई हैं?

  • प्रयागराज में 12 किलोमीटर के क्षेत्र में कुल 44 स्नान घाट बनाए गए हैं.
  • 11 लाख श्रद्धालु हर घंटे संगम में डुबकी लगा सकें, ऐसी व्यवस्था का दावा किया गया है.
  • 10 जिलों के डीएम भी महास्नान को लेकर व्यवस्था में लगाए गए हैं.
  • 12 IAS और 70 PCS अधिकारी भी ड्यूटी में लगाए गए हैं.
  • आप मौनी अमावस्या पर महाकुंभ जाना चाहते हैं तो 14 प्रमुख मार्गों समेत 32 रास्तों से प्रवेश पा सकेंगे.
  • श्रद्धालुओं के आने जाने के लिए 30 पांटून पुल भी बनाए गए हैं.
  • ये पूरा मेला क्षेत्र 25 सेक्टर में बंटा हुआ है, जिस पर चप्पे चप्पे से नजर है.
  • 2700 CCTV कैमरों के जरिए 2 कंट्रोल रूम से 24 घंटे निगरानी का दावा है.
  • वहीं, करीब 300 AI कैमरे मेला क्षेत्र में लगाए गए हैं, 105 पार्किंग स्थल साढ़े सात लाख वाहन क्षमता के बनाए गए हैं.

इन सबके अलावा, श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ को देखते हुए रातभर सभी विभागों के अफसरों ने कई राउंड मीटिंग्स की हैं. भीड़ को कैसे संभालेंगे, सुरक्षा में क्या क्या चुनौतियां आ सकती हैं, उसका समाधान कैसे होगा, इन सब बातों पर गौर किया गया है क्योंकि आज महास्नान के लिए देश के कोने कोने से लोग प्रयागराज पहुंच रहे हैं, इसके अलावा, दूसरी धार्मिक नगरों में भी मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ उमड़ रही है. हर जगह रेलवे स्टेशनों से लेकर बस स्टेशन और हवाई अड्डों तक श्रद्धालुओं का सैलाब दिख रहा है.

महाकुंभ में व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है. मौनी अमावस्या के पहले, अनुमान से ज्यादा भीड़ आ जाने से प्रयागराज जंक्शन पर तय समय के पहले ही वन-वे लागू कर दिया गया है. अब आधी रात के बाद छिवकी, नैनी जंक्शन, प्रयाग जंक्शन, फाफामऊ, सूबेदारगंज, झूंसी और प्रयागराज रामबाग रेलवे स्टेशन पर भी यात्रियों को एक ओर से प्रवेश तो दूसरी ओर से निकास दिया जाएगा. इन सभी स्टेशनों पर ये व्यवस्था 31 जनवरी की रात 12 बजे तक लागू रहेगी.

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