Mahakumbh 2025 : महाकुंभ के तीसरे और आखिरी अमृत स्नान वसंत पंचमी पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के तट पर आस्था का जन ज्वार उमड़ पड़ा है। रात 12 बजे के बाद से ही श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में डुबकी लगानी शुरू कर दी। भोर में चार बजे के बाद श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ गया। हर हर महादेव और हर हर गंगे के उद्घोष के साथ भक्तों ने पुण्य की डुबकी लगाई और मनवांछित फल की कामना की। पूरी रात अखाड़ों की ओर से शाही स्नान की तैयारी की जाती रही। शाही रथों और बग्घियों को सजाकर अखाड़ों के महामंडलेश्वर और संत अमृत स्नान के लिए रवाना हुए। साढ़े चार बजे अखाड़ों ने स्नान शुरू हो चुका है। गाजे बाजे के साथ भाला, तलवार और गदा के साथ प्रदर्शन करते हुए अखाड़े संगम तट पर पहुंचे रहे हैं।
महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान आज शुरू हो चुका है। आज के दिन ब्रह्म मुहूर्त में पंचमी तिथि रहेगी, इसीलिए अंतिम अमृत स्नान को बसंत पंचमी का अमृत स्नान भी कहा जा रहा है। आज के दिन नागा साधुओं के अखाड़े सबसे पहले स्नान करेंगे। इसके बाद नागा साधुओं के दल महाकुंभ से अपने अखाड़ों की ओर वापस लौट जाएंगे। नागा साधुओं के साथ ही करोडों की संख्या में आज भक्त भी प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाएंगे।
प्रत्येक अखाड़े को पवित्र जल में 40 मिनट का समय आवंटित किया गया है, जिसमें पहला जुलूस अपना अनुष्ठान पूरा करेगा और सुबह 8.30 बजे तक अपने शिविरों में लौट आएगा। अगली पंक्ति में बैरागी संप्रदाय के अखाड़े हैं, जिनका स्नान क्रम सुबह 8.25 बजे शुरू हुआ। जुलूसों में अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा, अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा और अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा शामिल हैं, जिनकी बारी अंतिम समूह के पवित्र जल में प्रवेश करने से पहले दोपहर 12.35 बजे खत्म होती है।
दुनिया भर से लाखों तीर्थयात्री, संत, योगी त्रिवेणी संगम पर हुए एकत्रित
दुनिया भर से लाखों तीर्थयात्री, संत, योगी और आगंतुक आध्यात्मिक शुद्धि की तलाश में पवित्र त्रिवेणी संगम पर एकत्रित हुए हैं। महाकुंभ मेले में बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर श्रद्धालु अमृत स्नान कर रहे हैं।
यूपी सीएम योगी द्वारा की गई व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं: आचार्य महामंडलेश्वर
जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा, “मैं सशक्त भारत, शिक्षित भारत के लिए पवित्र डुबकी लगाऊंगा, हम पर्यावरण की रक्षा के लिए जागरूकता भी पैदा करना चाहते हैं, पीएम मोदी के नेतृत्व में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा की गई व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं।”
बसंत पंचमी के अमृत स्नान के दिन अदृश्य साधु भी आते हैं डुबकी लगाने
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बसंत पंचमी के अमृत स्नान के दिन न केवल नागा साधु-संत बल्कि अदृश्य साधु और पवित्र आत्माएं भी महाकुंभ में डुबकी लगाने आती हैं। इस दिन डुबकी लगाने से पाप मिटते हैं और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
सनातनी आज माता सरस्वती की पूजा करेंगे: स्वामी कैलाशानंद गिरि जी महाराज
निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर एवं निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि जी महाराज ने कहा, “बसंत पंचमी का पावन पर्व आज मनाया जा रहा है। सभी सनातनी आज मां सरस्वती की पूजा करेंगे। अमृत वर्षा के शाही स्नान की तैयारियां चल रही हैं। हम अब संगम की ओर बढ़ेंगे। शाही मार्ग को अखाड़ों के लिए खाली रखा गया है। फिलहाल सिर्फ अखाड़े ही पवित्र स्नान करेंगे। सरकार इस परंपरा को तभी समझ सकती है, जब सरकार में कोई ऐसा व्यक्ति हो जो ‘धर्म’ को समझता हो और इसे समझने के लिए योगी जी (आदित्यनाथ) से बेहतर कोई नहीं है।”