Mahakumbh 2025 : महाकुंभ 2025 के तहत आयोजित बसंत पंचमी स्नान पर्व की भागदौड़ अब राहत आयुक्त भानु चन्द्र गोस्वामी ने संभाल ली है। वह खुद संगम नोज पर रातभर मौजूद रहे और हर पल की मॉनिटरिंग करते हुए अपने अधिकारियों और पुलिस-सीआरपीएफ बल को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं।
श्रद्धालुओं से प्रेमपूर्वक पेश आएं
इस अवसर पर भानु चन्द्र गोस्वामी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि श्रद्धालुओं से प्रेमपूर्वक पेश आएं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि डंडा नहीं, बल्कि प्यार से सभी श्रद्धालुओं को संगम स्नान करने के बाद वापस भेजा जाए। उनका कहना था कि इस पुण्य पर्व पर श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि वे आसानी से स्नान कर सकें और किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न घटे।
राहत आयुक्त भानु चन्द्र गोस्वामी की निगरानी में संगम क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था और श्रद्धालुओं के लिए बेहतर इंतजाम किए गए हैं। वह हर घटना पर नजर बनाए हुए हैं और पुलिस के जवानों को संयम बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं। उनका मानना है कि महाकुंभ में श्रद्धालुओं का आस्था से जुड़ा गहरा नाता होता है, ऐसे में प्रशासन को पूरी संवेदनशीलता से काम करना चाहिए।
भानु चन्द्र गोस्वामी के इन प्रयासों से उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार बसंत पंचमी स्नान पर्व को लेकर किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नहीं होगी और श्रद्धालु पूरी श्रद्धा और शांति से इस पुण्य अवसर का लाभ उठा सकेंगे।
सीएम योगी के दो भरोसेमंद अफसर प्रयागराज महाकुंभ में
महाकुंभ में भगदड़ के बाद सीएम योगी ने अपने दो भरोसेमंद अफसर को प्रयागराज भेजा है। IAS आशीष गोयल और भानु चंद्र गोस्वामी जो महाकुंभ की कमाल संभाल रहे हैं।
फील्ड पर उतरते हैं, ऑन द स्पॉट फैसला लेने में माहिर
राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी कुंभ 2019 के दौरान प्रयागराज विकास प्राधिकरण के वीसी थे। उनके साथ काम कर चुके अफसर बताते हैं- भानुचंद्र गोस्वामी किसी भी मुद्दे की तह में जाते हैं। उसकी जमीनी स्थिति को परखते हैं। इसके बाद आगे का एक्शन लेते हैं।
इससे कामकाज में किसी तरह की परेशानी नहीं होती है। सकारात्मक सोच होने के कारण वह काम में अनावश्यक अड़चन नहीं लगाते हैं। निर्णय क्षमता मजबूत होने के कारण तुंरत निर्णय लेते हैं।
भानु चंद्र गोस्वामी 2009 बैच के IAS अफसर हैं। उनके पास श्रावस्ती, जौनपुर, प्रयागराज और आगरा के जिलाधिकारी का लंबा अनुभव है। गोस्वामी मई 2017 से जून 2020 तक प्रयागराज विकास प्राधिकरण के वीसी और प्रयागराज के जिलाधिकारी रहे।
सरकार ने प्रयागराज कुंभ 2019 के दौरान तत्कालीन जिलाधिकारी सुहास एल.वाई को हटाकर 20 फरवरी 2019 को गोस्वामी को जिलाधिकारी तैनात किया था। प्रयागराज विकास प्राधिकरण के वीसी रहते हुए गोस्वामी ने भी मेले की व्यवस्थाओं को अंजाम दिया था।
2024 में यूपी में बाढ़ और अतिवृष्टि से कई जिलों में स्थिति बिगड़ने के बाद सरकार ने गोस्वामी को आगरा के मंडलायुक्त पद से हटाकर राहत आयुक्त बनाया था। गोस्वामी ने राहत आयुक्त बनते ही व्यवस्थाओं को नियंत्रित किया।
IAS भानु चंद्र गोस्वामी ने 2009 में सिविल सेवा परीक्षा पास कर आल इंडिया 33वीं रैंक हासिल की थी। इन्होंने संस्कृत (ऑनर्स) में ग्रेजुएशन किया है। IAS ट्रेनिंग के बाद उनकी पहली तैनाती आगरा में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के रूप में हुई थी।
आशीष गोयल- डिसिजन मेकर, फीडबैक सिस्टम मजबूत
यूपी पावर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन आशीष गोयल प्रयागराज कुंभ 2019 के दौरान वहां के मंडलायुक्त थे। उनके करीबी बताते हैं- वह डिसिजन मेकर हैं। किसी भी काम को लंबे समय तक लटकाने की जगह तुरंत करने में विश्वास रखते हैं।
काम को अधीनस्थ अफसरों के भरोसे छोड़ने की जगह खुद जुटते हैं। फीडबैक सिस्टम मजबूत रखते हैं। इससे अधीनस्थ अफसर उन्हें भ्रमित नहीं कर पाते हैं। फील्ड के काम का लंबा अनुभव होने के साथ जनता से सीधा संवाद उनकी खासियत है।
आशीष गोयल 1995 बैच के IAS हैं। उनका जन्म 12 फरवरी 1973 को UP के बिजनौर में हुआ। बीटेक (इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग), एमए (अर्थशास्त्र) और PhD की है। इनके पास जॉइंट मजिस्ट्रेट से लेकर UPPCL के चेयरमैन तक करीब 30 साल का अनुभव है। गोयल मार्च 2007 से अप्रैल 2008 तक प्रयागराज के जिलाधिकारी रहे हैं। गोयल 2019 से 2020 तक प्रयागराज के मंडलायुक्त रहे हैं।
प्रयागराज कुंभ 2019 के दौरान गोयल ही मंडलायुक्त थे। गोयल के पास प्रयागराज कुंभ की व्यवस्था के साथ बरेली, आगरा, चित्रकूट, मुजफ्फरनगर, हाथरस, मुजफ्फरनगर, चित्रकूट और कानपुर देहात के जिलाधिकारी का अनुभव भी है। प्रयागराज कुंभ 2019 के दौरान भी करीब 20 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे थे। गोयल के मार्गदर्शन में ही कुंभ संपन्न हुआ था।