Mahakumbh 2025 : महाकुंभ में माघ पूर्णिमा का पवित्र स्नान शुरू, अब तक 73 लाख ने डुबकी लगाई

Siddarth Saurabh

Mahakumbh 2025 : माघ पूर्णिमा के दिन महाकुंभ का पवित्र स्नान किया जा रहा है। माना जाता है कि इस दिन संगम तट पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति व्यक्ति को होती है, देवी-देवता भी इस दिन संगम तट पर डुबकी लगाने आते हैं। इस दिन रखे गए व्रत से उत्तम फलों की प्राप्ति भक्तों को होती है। माघ पूर्णिमा का स्नान महाकुंभ का पांचवां सबसे प्रमुख स्नान है, इसके बाद महाशिवरात्रि के दिन महाकुंभ का अंतिम प्रमुख स्नान किया जाएगा। मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाले माघ पूर्णिमा स्नान के दिन स्नान का अमृत काल सुबह 5 बजकर 55 मिनट से 7 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।

महाकुंभ में माघ पूर्णिमा का स्नान पर्व शुरू हो चुका है। प्रयागराज में जबरदस्त भीड़ है। संगम से 10 किमी तक चारों तरफ श्रद्धालुओं की भीड़ है। प्रशासन के मुताबिक, सुबह 6 बजे तक ही 73 लाख लोग स्नान कर चुके हैं। अनुमान है कि आज 2.5 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे।

प्रयागराज जाने वाले रास्तों में भीषण जाम के बाद ट्रैफिक प्लान में बदलाव किया गया है। शहर में वाहनों की एंट्री बंद है। मेला क्षेत्र में भी कोई भी वाहन नहीं चलेगा। ऐसे में श्रद्धालुओं को संगम पहुंचने के लिए 8 से 10 किमी तक पैदल चलना पड़ रहा है। प्रशासन पार्किंग से शटल बसें चला रहा है। हालांकि, यह बेहद सीमित हैं।

संगम पर पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात हैं। वहां लोगों को रुकने नहीं दे रहे हैं, ताकि भीड़ न बढ़ पाए। ज्यादातर लोगों को बाकी घाटों पर स्नान के लिए भेजा जा रहा है। भीड़ कंट्रोल के लिए पहली बार मेले में 15 जिलों के डीएम, 20 IAS और 85 PCS अफसर तैनात किए गए हैं।

इधर, लखनऊ में सीएम योगी सुबह 4 बजे से मुख्यमंत्री आवास पर बने वॉर रूम से महाकुंभ की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। डीजी प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद और कई सीनियर अफसर हैं।

ज्योतिषों के मुताबिक, माघ पूर्णिमा स्नान का मुहूर्त शाम 7.22 मिनट तक रहेगा। महाकुंभ मेले से भीड़ जल्दी बाहर निकल जाए, इसलिए लेटे हनुमान मंदिर, अक्षयवट और डिजिटल महाकुंभ सेंटर को बंद कर दिया गया है। आज महाकुंभ में कल्पवास भी खत्म हो जाएगा। संगम स्नान के बाद करीब 10 लाख कल्पवासी घर लौटेंगे।

महाकुंभ का आज 31वां दिन है। इससे पहले 4 स्नान पर्व हो चुके हैं। 13 जनवरी से अब तक करीब 46 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। अब 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर आखिरी स्नान पर्व होगा।

महाकुंभ में माघ पूर्णिमा का स्नान क्यों है खास?

माना जाता है कि माघ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अमृत की वर्षा करता है। इसके चलते नदी, तालाब, सरोवर सब अमृतमयी हो जाते हैं। ऐसे में स्नान करने से श्रद्धालुओं को भी शुभ फलों की प्राप्ति होती है, उनके पाप धुल जाते हैं और देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

माघ पूर्णिमा के पवित्र स्नान के दिन इन चीजों का दान करना शुभ

महाकुंभ के दौरान माघ पूर्णिमा के पवित्र स्नान के दिन आपको अन्न, धन, चांदी, गुड़, श्रृंगार सामग्री, दूध, काले तिल, चना, पीतल या तांबे के बर्तन आदि का दान करना चाहिए। इन चीजों का दान करने से जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। इसके साथ ही देवी-देवताओं और पितरों का आशीर्वाद भी आपको मिलता है।

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