Mahakumbh 2025 : 33 दिन में 50 करोड़ पार, महाकुंभ में श्रद्धालुओं की आस्था के आगे सारे रिकॉर्ड ध्वस्त

Dilip Kushwaha

Mahakumbh 2025 : उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को कहा कि प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाईप्रयागराज में महाकुंभ मेले की मेजबानी कर रही उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बयान में दावा किया कि यह मानव इतिहास में किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन के लिहाज से ‘सबसे बड़ा जनसमूह’ है। महाकुंभ 13 जनवरी को शुरू हुआ था और हिंदुओं के बीच पवित्र माने जाने वाले गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम त्रिवेणी संगम के तट पर 26 फरवरी तक चलेगा। है। यह संख्या भारत और चीन को छोड़कर दुनिया के बाकी देशों की आबादी से ज्यादा है।

प्रयागराज में महाकुंभ मेले की मेजबानी कर रही उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बयान में दावा किया कि यह मानव इतिहास में किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन के लिहाज से ‘सबसे बड़ा जनसमूह’ है। महाकुंभ 13 जनवरी को शुरू हुआ था और हिंदुओं के बीच पवित्र माने जाने वाले गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम त्रिवेणी संगम के तट पर 26 फरवरी तक चलेगा।

इस महाकुंभ में हर दिन भारत और दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। प्रदेश सरकार के अनुसार शुक्रवार को शाम छह बजे तक 92 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई, जिससे महाकुंभ में आ चुके कुल श्रद्धालुओं की संख्या 50 करोड़ को पार कर गई।

अमेरिका, रूस, इंडोनेशिया, ब्राजील, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों की आबादी 50 करोड़ से कम है।” सरकार ने कहा, ”केवल भारत और चीन की आबादी ही महाकुंभ में आ चुके श्रद्धालुओं की संख्या के मामले में ज्यादा है। इसके विपरीत अमेरिका, इंडोनेशिया, पाकिस्तान और ब्राजील जैसे देश काफी पीछे हैं।”

महाकुंभ की शुरुआत से पहले सरकार ने अनुमान लगाया था कि इसमें 40 से 45 करोड़ श्रद्धालु आएंगे। हालांकि श्रद्धालुओं की संख्या 50 करोड़ के पार हो गई। वहीं अभी 26 फरवरी तक महाकुंभ में श्रद्धालु स्नान करेंगे।

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘भारत की कुल जनसंख्या में 110 करोड़ नागरिक सनातन धर्मावलंबी हैं और उसमें से 50 करोड़ से अधिक नागरिकों द्वारा संगम में पवित्र स्नान उत्कृष्ट मानवीय मूल्यों की श्रेष्ठतम अभिव्यक्ति महान सनातन के प्रति दृढ़ होती आस्था का परिचायक है। वास्तविक अर्थों में भारत की लोक आस्था का यह अमृतकाल है।’

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