Mani Shankar Aiyar : अगर प्रणब मुखर्जी पीएम होते तो कांग्रेस करारी हार से बच जाती : मणि शंकर अय्यर

Siddarth Saurabh

Mani Shankar Aiyar : 2014 के लोकसभा इलेक्शन में कांग्रेस की करारी हार की चर्चा एक बार फिर शुरू हो गई है. पार्टी सरकार में रहने के बाद भी महज 44 सीटों पर सिमट गई थी. जिसके बाद कई तरह के आरोप लगाए गए. अध्यक्ष में बदलाव के साथ ही सभी राज्यों की कार्यकारिणी बदल दी गई. अब कांग्रेस के नेता, पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री मणिशंकर अय्यर की एक किताब आई है. जिसमें 2014 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कारण बताए गए हैं. अय्यर एक इंटरव्यू में कहा कि अगर 2014 से पहले मनमोहन की जगह प्रणब मुखर्जी पीएम होते तो कांग्रेस इतनी बुरी तरह चुनाव नहीं हारती.

कांग्रेस नेता अय्यर ने एक इंटरव्यू में कहा कि 2012 से ही कांग्रेस की स्थिति ठीक नहीं थी. उस समय दो घटनाएं हुई थीं. एक तो यह कि सोनिया गांधी बहुत बीमार पड़ गईं, और दूसरा डॉ. मनमोहन सिंह को छह बार बाईपास करना पड़ा. जिसके कारण हम सरकार के मुखिया और पार्टी के मुखिया के तौर पर अपंग थे. कोई भी फैसले नहीं लिए जा रहे थे.

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने 2014 लोकसभा चुनाव में हुई हार को लेकर अपनी किताब में लिखा है. अय्यर ने इंटरव्यू में बताया कि 2014 में जो माहौल था, उस समय भी इस तरह की शर्मनाक हार से बच सकते थे.

पार्टी के पास एक व्यक्ति था जो ऊर्जा से भरा हुआ था, विचारों से भरा हुआ था, उसके पास कुछ हद तक करिश्मा था, और वह पार्टी या सरकार या यहां तक ​​कि दोनों एक साथ को चला सकता था. अगर प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति बनाने के बजाय प्रधानमंत्री और मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति बनाया जाता तो पार्टी 2014 के लोकसभा चुनाव में इस कदर नहीं हारती.

खुद प्रणब मुखर्जी को थी उम्मीद कि वे बनेंगे पीएम

मणिशंकर अय्यर ने कहा कि उस समय पार्टी दोनों तरफ से टूटी हुई थी, जिसको प्रणब मुखर्जी बखूबी संभाल सकते थे. लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया. अय्यर ने कहा कि खुद प्रणब मुखर्जी को उम्मीद थी, कि उन्हें देश का प्रधानमंत्री और मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति बनाया जाएगा. लेकिन हुआ इसके इतर और पोलिटिक्स में पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के एक्टिव न होने के कारण 2014 में कांग्रेस बुरी तरह हारी थी.

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