उज्जवल कुमार सिन्हा
रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव में झामुमो एक बार फिर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरा है. इसबार झामुमो के नेतृत्व वाली इंडिया गठबंधन ने बहुमत का आंकड़े को पार करते हुए कुल 56 सीटों पर जीत दर्ज की है.
झामुमो को 34, कांग्रेस को 16, राजद को 04 और भाकपा माले को 02 सीट पर जीत मिली है. वहीं भाजपा को 21, आजसू को 01 और लोजपा (आर)को 01 सीट पर जीत मिली है. एक सीट पर जीत के साथ पहली बार लोजपा ने झारखंड में चुनावी खाता खोलने में सफलता हासिल की है. भाजपा के 19 सीटिंग विधायक चुनाव हार गये हैं.
भाजपा सिर्फ डाल्टनगंज, कोडरमा, धनबाद, रांची, हटिया और पांकी सीट बचाने में कामयाब रही. राजद का स्ट्राइक रेट जबरदस्त रहा. सात सीटों पर चुनाव लड़कर राजद ने बिश्रामपुर, देवघर, हुसैनाबाद और गोड्डा सीट पर जीत दर्ज की. साथ ही चतरा और कोडरमा में राजद के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे.
कई दिग्गज गंवा बैठे कुर्सी
लेकिन इस चुनाव में कई दिग्गज अपनी कुर्सी गंवा बैठे हैं. झामुमो के शानदार प्रदर्शन के बावजूद मंत्री मिथिलेश ठाकुर, बैद्यनाथ राम और बेबी देवी हार गईं. जबकि कांग्रेस के वोकल मंत्री बन्ना गुप्ता को सरयू राय ने चुनावी मैदान में चारों खाने चित कर दिया. 2019 में राजद के लिए एकमात्र सीट जीतने वाले सत्यानंद भोक्ता अपनी बहू रश्मि प्रकाश को चतरा में जीत नहीं दिला पाए.
गढ़वा में मंत्री मिथिलेश ठाकुर को भाजपा के सतेंद्र नाथ तिवारी ने शिकस्त दी. लातेहार में मंत्री बैद्यनाथ राम को भाजपा के प्रकाश राम ने हरा दिया. जबकि डुमरी में झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के अध्यक्ष जयराम महतो ने मंत्री बेबी देवी को हराकर सदन पहुंचने का टिकट ले लिया.
विधानसभा चुनाव में भी सीता और गीता हुईं फेल
इस चुनाव में भी सीता और गीता नहीं चल पाई. भाजपा ने गीता कोड़ा से कोल्हान में काफी उम्मीदें पाल रखी थी. चाईबासा लोकसभा सीट हारने के बावजूद भाजपा ने उन्हें जगन्नाथपुर से प्रत्याशी बनाया था. फिर भी गीता कोड़ा अपने ही करीबी और कांग्रेस विधायक सोनाराम सिंकू से हार गईं. भाजपा के लिए सीता सोरेन भी कुछ नहीं कर पाई.
गुरुजी के परिवार से मैदान में उतरे हेमंत सोरेन, बसंत सोरेन और कल्पना सोरेन ने अपनी-अपनी सीटें जीत ली. लेकिन सीता सोरेन जामताड़ा में इरफान अंसारी से हार गईं. सीता को भी भाजपा ने लोकसभा चुनाव में दुमका सीट से प्रत्याशी बनाया था.
जयराम की कैंची से कई हुए घायल
पहली बार विधानसभा चुनाव में कैंची छाप के साथ मैदान में उतरे जयराम महतो की पार्टी जेएलकेएम के कई प्रत्याशियों ने कई सीटों का समीकरण बिगाड़ा. जेएलकेएम के अरुण रजवार ने चंदनकियारी में भाजपा प्रत्याशी अमर बाउरी को बड़ा झटका दिया. अमर बाउरी तीसरे स्थान पर रहे. इस सीट पर झामुमो के उमाकांत रजक की जीत हुई. सिल्ली में आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो की हार में जेएलकेएम प्रत्याशी की सबसे बड़ी भूमिका रही.
बेरमो में खुद जयराम महतो मैदान में थे. उन्होंने डुमरी सीट पर झामुमो की मंत्री बेबी देवी को तो हराया ही साथ में बेरमो में भाजपा प्रत्याशी रविंद्र पांडेय का खेल भी बिगाड़ा. हालांकि जयराम यहां जीत नहीं पाए लेकिन दूसरे स्थान पर जरुर रहे. गोमिया सीट पर जेएलकेएम की पूजा कुमारी रनर अप रहीं. उनके मैदान में आने से आजसू के लंबोदर महतो तीसरे स्थान पर चले गये. हालांकि यहां जीत झामुमो प्रत्याशी योगेंद्र प्रसाद की हुई.