Padma Award : झारखंड के जाने-माने नागपुरी गायक महावीर नायक को पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाएगा। वे भिनसरिया राग के लिए प्रसिद्ध हैं और उन्हें ‘भिनसरिया का राजा’ कहा जाता है। 1962 से नागपुरी गीतों से संगीत जगत को समृद्ध करते आ रहे महावीर नायक ने झारखंड के अलग राज्य के आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई। यह सम्मान उन्हें उनके संगीत और सामाजिक योगदान के लिए दिया जा रहा है।
वे मुकुंद नायक और मधु मंसूरी हंसमुख के बाद झारखंड से पद्मश्री पाने वाले तीसरे कलाकार होंगे। हालांकि छऊ नृत्य के भी कई कलाकारों को पद्म पुरस्कार मिल चुका है।
महावीर नायक ठेठ नागपुरी गीतों के कलाकार
महावीर नायक, झारखंड के लोक संगीत की एक धरोहर हैं। उनका जन्म 1942 में, आजादी से पांच साल पहले, रांची के पास उरुगुटु (पिठोरिया, गिंजो ठाकुरगांव के पास) में हुआ था। उनके पिता खुदू नायक भी कला प्रेमी थे। इसीलिए बचपन से ही महावीर जी का रुझान नागपुरी गीतों की ओर रहा। उनका जन्म रामनवमी के दिन हुआ था, इसलिए उनका नाम महावीर रखा गया।
महावीर नायक को ‘भिनसरिया का राजा’ कहा जाता है। यह उपाधि उन्हें सिमडेगा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सिमडेगा वासियों ने दी थी। उनकी पहचान ठेठ नागपुरी गायक के रूप में हटिया आने के बाद बनी। 1963 में उन्होंने एचईस्ी में काम करना शुरू किया। यहीं से उन्होंने शिष्ट नागपुरी गीत लिखना और गाना शुरू किया। उन्होंने नागपुरी संगीत को एक नई दिशा दी।