शाह की रैली से पहले निर्दलीय उम्मीदवार को हेलिकॉप्टर में ले उड़े CM हिमंता बिस्वा सरमा

Bindash Bol

अंशुमान सिंह
गिरिडीह : झारखंड की राज धनवार की सीट पर बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे निरंजन राय को बीजेपी ने मना लिया है. हालांकि, निरंजन को मनाने का तरीका झारखंड से लेकर दिल्ली तक चर्चा में है. राज धनवार सीट से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी चुनावी मैदान में हैं. मरांडी को मुख्यमंत्री पद का दावेदार भी माना जा रहा है.

गिरिडिह जिले की धनवार विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को मतदान प्रस्तावित है. यहां पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और माले के बीच है.

शाह की रैली से पहले ले उड़े हिमंत-दुबे

शनिवार को राज धनवार में बीजेपी से बागी होकर चुनाव लड़ रहे निरंजन राय को मनाने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और निशिकांत दुबे उनके घर गए थे. कहा जा रहा है कि तीनों ही नेताओं की बंद कमरे में लंबी
बातचीत हुई.

मनाने की कवायद अमित शाह की रैली से पहले हुई है. अमित शाह धनवार में बीजेपी के बाबू लाल मरांडी के लिए आज वोट मांगेंगे.

इसके बाद निरंजन राय हिमंत और दुबे को छोड़ने हेलीपैड आए, जहां पर दुबे और सरमा ने निरंजन राय को अपने साथ बैठा लिया. निरंजन के बैठते ही हेलिकॉप्टर उड़ पड़ा. हेलिकॉप्टर की इस उड़ान को देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई.

इधर, बवाल के बीच गोड्डा से लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा है कि निरंजन राय बीजेपी में ही रहेंगे. उन्हें मना लिया गया है और जल्द ही हम उन्हें लेकर लोगों के बीच आएंगे. कहा जा रहा है कि अमित शाह की रैली में निरंजन राय अपना समर्थन बाबू लाल मरांडी को देंगे.

बीजेपी के लिए धनवार का समीकरण फंसा

बाबू लाल मरांडी ने 2019 में धनवार सीट से जीत हासिल की थी. उस वक्त मरांडी झारखंड विकास मोर्चा के सिंबल पर मैदान में थे. इस बार बीजेपी के सिंबल पर मरांडी मैदान में हैं.

यहां मरांडी का मुख्य मुकाबला माले के राज कुमार यादव से है. हालांकि, जेएमएम ने यहां प्रतीकात्मक तौर पर एक उम्मीदवार जरूर उतारे हैं.

धनवार विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा 24 प्रतिशत मुस्लिम हैं. इसके अलावा यहां 9.6 प्रतिशत यादव, 7.5 प्रतिशत कुड़मी, 5.5 प्रतिशत भूमिहार की आबादी है.

आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले बाबू लाल मरांडी लंबे वक्त से धनवार सीट से चुनाव लड़ते हैं. यह सामान्य कैटेगरी की सीट है. मरांडी के यहां मैदान में होने की वजह से लड़ाई बीजेपी की नाक की भी है, इसलिए पार्टी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाह रही है.

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