Prayagraj MahaKumbh 2025 : प्रयागराज में तारे जमीं पर! महाकुंभ का टॉप व्यू देखकर खुली रह जाएंगी आंखें; की जा रही हैं खास तैयारियां

Siddarth Saurabh

Prayagraj MahaKumbh 2025 : इस बार के आगामी महाकुंभ को भव्य बनाने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। महाकुंभ के दौरान संगम क्षेत्र में पहली बार ‘अंडरवाटर ड्रोन’ तैनात किए जाएंगे। ये अंडरवाटर ड्रोन चौबीस घंटे पानी में 100 मीटर गहराई तक गोता लगाकर निगरानी करेंगे। इन अंडरवाटर ड्रोन के बारे में संस्कृति मंत्रालय ने रविवार को जानकारी दी। इसके अलावा, तीर्थयात्रियों और अन्य आगंतुकों की सुविधा के लिए 92 सड़कों का नवीनीकरण और 30 पंटून पुलों का निर्माण किया जा रहा है। वहीं भारत की संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न भाषाओं के 800 साइन बोर्ड लगाए जा रहे हैं।

40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना

संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारियां कर रही है कि ‘‘प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का एक भव्य, सुरक्षित और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध आयोजन हो।’’ 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले 45 दिवसीय इस महोत्सव में दुनियाभर से 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। संस्कृति मंत्रालय ने महाकुंभ से जुड़ी तैयारियों और इस विशाल समागम के लिए नागरिक सुविधाओं एवं सुरक्षा व्यवस्थाओं के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की।

तैनात रहेंगे अंडरवाटर ड्रोन

संस्कृति मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘संगम क्षेत्र में पहली बार चौबीस घंटे निगरानी के लिए 100 मीटर गहराई तक गोता लगाने में सक्षम ‘अंडरवाटर ड्रोन’ तैनात किए जाएंगे।’’ मंत्रालय ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) वाले 2,700 कैमरों की तैनाती से ‘‘वास्तविक समय में निगरानी’’ होगी और कड़ी सुरक्षा के तहत प्रवेश बिंदुओं पर चेहरे की पहचान तकनीक का उपयोग किया जाएगा। आगे बताया गया, ‘‘56 साइबर विशेषज्ञों की एक टीम ऑनलाइन खतरों की निगरानी करेगी। सभी पुलिस थानों में साइबर हेल्प डेस्क स्थापित किए जा रहे हैं।’’

कई भाषाओं में लगाए जाएंगे साइन बोर्ड

बयान में कहा गया है, ‘‘अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों के लिए बहुभाषीय साइन बोर्ड के साथ ही भारत की विविधता को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन व्यापक प्रयासों के माध्यम से, महाकुंभ 2025 का लक्ष्य केवल एक धार्मिक समागम नहीं, बल्कि आध्यात्मिकता, संस्कृति, सुरक्षा और आधुनिकता का वैश्विक उत्सव बनना है।’’

Share This Article
Leave a Comment