Raghuvar Das: ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने मंगलवार देर रात इस्तीफा दे दिया है। मिजोरम के राज्यपाल हरिबाबू गरडिया को ओडिशा का नया राज्यपाल बनाया गया है। रघुवर दास झारखंड की राजनीति में सक्रिय हो सकते हैं और उनकी बहू पूर्णिमा साहू जमशेदपुर पूर्वी सीट छोड़ सकती हैं। राजनीति की गलियारों में इस बात की भी चर्चा तेज हो चली है कि उन्हें भाजपा संगठन में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
रघुवर दास के इस्तीफे ने झारखंड की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। माना जा रहा है कि अब रघुवर दास एक झारखंड की पॉलिटिक्स में एक्टिव हो सकते हैं। रघुवर दास भाजपा के वरिष्ठ नेता होने के साथ झारखंड के पहले गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने 2014 से 2019 तक मुख्यमंत्री पद संभाला। इसके अलावा, वे जमशेदपुर ईस्ट विधानसभा सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं। उनकी सक्रियता और प्रशासनिक कार्यशैली ने उन्हें झारखंड की राजनीति में एक प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित किया है।
राजनीतिक हलकों में यह भी चर्चा है कि रघुवर दास को बीजेपी केंद्रीय संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। रघुवर दास की गिनती केंद्रीय मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी करीबी नेताओं में होती है। वो बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
2023 में अक्टूबर में राज्यपाल बनाए गए थे रघुवर दास
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को पार्टी ने सक्रिय राजनीति से अलग करते हुए उन्हें पड़ोसी राज्य उड़ीसा का राज्यपाल नियुक्त किया था। पिछले साल अक्टूबर में राज्यपाल बने थे। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा थी कि रघुवर दास को राजनीतिक झारखंड की राजनीति से दूर रखा गया है ताकि विधानसभा चुनाव में बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में पार्टी चुनाव लड़ सके। विधानसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। परिणाम के बाद संगठन को तंदुरुस्त करने के लिहाज से सांगठनिक कार्यक्रम तय किए गए हैं। फरवरी 2025 तक प्रदेश भाजपा को नया अध्यक्ष मिल जाएगा।
राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद यह संभावना जताई जा रही है की रघुवर दास फिर से भाजपा में शामिल होकर प्रदेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।