आनंद शर्मा
Social media : त्रेता और द्वापर युग का सोशल मीडिया थे नारद मुनि, उनके पास ईह लोक से परलोक तक की सारी सूचनाएं रहती थीं और वो ससमय उसे समुचित जगह पहुंचा भी देते थे पर सूचनाओं पर रिएक्ट कैसे करना है ये सामने वाला जाने। सूचनाओं का उपयोग कैसे किया जाय ये महत्वपूर्ण है। आईए इसे एक कहानी से समझते हैं……
एक बार नारद मुनि महादेव के पास पहुँचे और स्वभाव के मुताबिक जोर से आवाज़ लगाई – नारायण…. नारायण
महादेव ने कहा – आइये ऋषिवर, आपका स्वागत है। किन्तु आज आपकी आवाज़ में थोड़ी चिंता झलक रही है इसका क्या कारण है?
नारद मुनि- है प्रभू, मेरी गणनाओं से प्राप्त सुचना बता रही है कि आपको शनि की साढ़ेसाती लगने वाली है यही मेरी चिंता का कारण है।
महादेव तो ठहरे ओघड़दानी, उन्होंने कहा- अरे शनि की ये मजाल मुझ पर साढ़ेसाती का उपयोग करेगा। देखता हूँ वो कैसे मुझ पर इसका उपयोग करता है।
महादेव ने तत्क्षन ही अपना त्रिशूल और कमंडल उठाया ओर जा पहुँचे कैलाश पर्वत की एक गुफा में तपस्या करने। उन्होंने साढ़े सात साल वहीं तपस्या की। साढ़े सात साल तपस्या करने के पश्चात् जब महादेव लौटे तो उन्होंने नारद मुनि को बुलवाया और कहा- हे ऋषिवर, आपने तो कहा था शनि की साढ़ेसती मेरे जीवन में प्रवेश करने वाली है। मुझे तो वो कहीं दिखा ही नहीं।
नारद मुनि ने मुस्कुराते हुए कहा-हे भोले शंकर साढ़े सात साल आपने परलोक से दूर, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय से दूर रहते हुए एक निर्जन गुफा में भूखे -प्यासे ब्यतित किए ये ही तो शनि की साढ़साती थी।
कहानी का ज्ञान ये है की वर्त्तमान में सोशल मीडिया पर खाने -पीने, बीमारी, धर्म, आस्था, जाति…. को लेकर बहुत से सच्चे -झूठे ज्ञान या कहें सूचनाओं की भरमार है। यदि इसे आप सही संदर्भ में नहीं समझ पाए और तात्कालिक आवेग में रिएक्ट करने लगे तो आपका जीवन कब साढ़ेसाती का शिकार हो जाएगा आपको पता भी नहीं चलेगा। यहाँ कोई पतले होने के उपाय बता रहा तो कोई मोटा होने के, कोई दिल की बीमारी का ईलाज कर रहा तो कोई शुगर -बी पी का, कोई डॉक्टर के भेष में है तो कोई ज्योतिष के भेष में, कोई आम खाने की सलाह दे रहा तो कोई छोड़ देने की, कोई खाने की कैलोरी गिनवा रहा है तो कोई भर पेट खाने की सलाह दे रहा है। सूचनाओं के भ्रामक जाल में हजार तरह की बातें फैली हैं, इस पर कैसे रिएक्ट करना है ये आपको सोचना होगा वर्ना ये सूचनाएं आपको साढ़ेसाती का शिकार बना देंगी।
