South Africa vs Australia: दक्षिण अफ्रीका टीम नहीं क्रिकेट की असल परिभाषा है। आखिरी गेंद तक रिजल्ट तय नहीं होता, इस बात को जितना इस टीम ने जिया है, उतना किसी टीम ने नहीं। एक लंबे बैन के बाद जब ये टीम क्रिकेट में लौटी तो ऐसा लगा था कि खेल के पुराने ठेकदारों को कोई तगड़ी चुनौती देने आ गया है।पर उस एक रन आउट से शुरू हुआ बहादुरी और बदनसीबी का ये खेल, पिछले साल के T20 वर्ल्डकप तक चलता रहा। इस बीच कितने महान और महानतम खिलाड़ी इस टीम का हिस्सा बने, पर कोई भी अफ्रीका के इस दशकों पुराने शाप को तोड़ न सका। पर फिर आया 5 फिट चार इंच का एक कप्तान,जो उसी टीम के सामने अड़ गया जिस टीम के सामने ही अफ्रीका की बदनसीबी और बेबसी का ये लंबा खेल शुरू हुआ था। खेल और कला में यही फर्क होता है,कला में आपको समझने वाले,मानने वालों की जरूरत पड़ती है, खेल में बस आपको मनवाना आना चाहिए। टेंडा बावुमा के जाबाजों और मार्क्रम की जाबाजी, ने आज से क्रिकेट जगत को ये बात मानने के लिए मजबूर कर दिया है कि,”South african are not chokers anymore”…