Tahawwur Rana Extradition : ताज पर हमले के सारे राज अब खुद ही उगलेगा तहव्वुर राणा

Siddarth Saurabh
  • आतंकवाद का सबसे बड़ा सप्लायर पाकिस्तान फिर से बेनकाब

Tahawwur Rana Extradition : शहीद तुकाराम ओंबले ने 26/11 के आतंकवादी अजमल कसाब को जिन्दा पकड़ लिया था. उन्होंने 21 गोलियां खाकर भी कसाब को नहीं छोड़ा और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वालों की कतार में शामिल हो गए. तुकाराम ने यह अद्भुत साहस न दिखाया होता तो पाकिस्तान दुनियाभर में बेनकाब न हुआ होता और अपनी संलिप्तता से इनकार करता रहता.
तहव्वुर राणा जैसे मुख्य मास्टर माइंड को भारत लाए जाने से आतंकवाद का सबसे बड़ा सप्लायर पाकिस्तान फिर से बेनकाब हो गया है. राणा पाकिस्तानी आर्मी और आईएसआई का पदाधिकारी रहा है. पाकिस्तान ने उसे मोटा धन देकर कनाडा का नागरिक बनवा दिया. अब पीएम मोदी के सघन प्रयत्नों से राणा भारत आ चुका है और ताज पर हमले के सारे राज अब खुद ही उगलेगा.

मुंबई में 26/11 आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड आतंकी तहव्वुर हुसैन राणा आखिरकार भारत आ गया है. जहां उसके भारत पहुंचने के बाद कोर्ट में पेश किया गया. पटियाला हाउस कोर्ट ने राणा को 18 दिन की रिमांड पर भेज दिया है. आईएसआई के लिए काम करने वाले और लश्कर-ए-तैयबा व हरकत-उल-जिहादी इस्लामी जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े तहव्वुर राणा को स्पेशल फ्लाइट से भारत लाया गया. जो गुरुवार शाम करीब 7 बजे भारत पहुंचा. जहां से NIA की टीम ने उसे UAPA के तहत औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया.

पाकिस्तान में जन्मे कनाडाई नागरिक और 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के एक प्रमुख आरोपी को गुरुवार को संयुक्त राज्य अमेरिका से एक गुप्त रूप से चार्टर्ड बिजनेस जेट पर सवार होकर नई दिल्ली लाया गया.

11 घंटे के ब्रेक के बाद फिर उड़ा विमान

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रत्यर्पण ऑपरेशन को एक गल्फस्ट्रीम G550 का उपयोग करके अंजाम दिया गया. इस प्लेन को वियना स्थित चार्टर सेवा से किराए पर लिया गया था. जेट ने बुधवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 2.15 बजे (भारतीय समयानुसार सुबह 11.45 बजे) मियामी, फ्लोरिडा से उड़ान भरी थी. यह उसी दिन स्थानीय समयानुसार शाम 7 बजे (भारतीय समयानुसार रात 9.30 बजे) बुखारेस्ट, रोमानिया में लैंड हुआ.

अपनी यात्रा फिर से शुरू करने से पहले रोमानियाई राजधानी में लगभग 11 घंटे तक ये प्लेन खड़ा रहा, इस दौरान आतंकी राणा उसके अंदर ही मौजूद रहा.

गुरुवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 6.15 बजे (भारतीय समयानुसार सुबह 8.45 बजे) गल्फस्ट्रीम बुखारेस्ट से रवाना हुआ और सीधे नई दिल्ली के लिए रवाना हुआ, जहां यह कड़ी सुरक्षा के बीच लैंड हुआ. राणा के दिल्ली में उतरने के तुरंत बाद, उसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया.

जिस विमान में राणा को लाया गया वो बेहद खास

यूएस की सेना गल्फस्ट्रीम G550 डिजाइन को C-37B और EA-37B कम्पास कॉल के रूप में इस्तेमाल करती है. यह 12,500 किलोमीटर तक की लंबी दूरी का विमान है. G550 कई सुरक्षा सुविधाओं से लैस है, जैसे कि एक एन्हांस्ड विजन सिस्टम (EVS) और ऑटो थ्रोटल, जो सुरक्षित और आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करते हैं.

साल 2013 में बना, गल्फस्ट्रीम G550 में एक आलीशान केबिन है. जिसमें 9 दीवान सीटें और 6 बेड के साथ 19 लोग बैठ सकते हैं. अपनी शानदार खिड़कियों के लिए जाना जाने वाला यह विमान विशाल अंदरूनी भाग और असाधारण अल्ट्रा-लॉन्ग रेंज का दावा करता है.

राणा के प्रत्यर्पण की पूरी कहानी?

तहव्वुर राणा के खिलाफ भारत की जांच एजेंसी एनआईए ने साल साल 2011 में अपनी चार्जशीट दाखिल की थी. इसके बाद पहली बार भारत ने 4 दिसंबर 2019 को डिप्लोमैटिक चैनल्स से राणा के प्रत्यर्पण की मांग की थी. तो वहीं 10 जून 2020 को राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग की गई थी, 22 जून 2021 को अमेरिका की संघीय अदालत में तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को लेकर सुनवाई के दौरान भारत ने सबूत पेश किए थे.

2 साल पहले 16 मई 2023 को कैलिफोर्निया की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने उसके प्रत्यर्पण का आदेश सुनाया था. इसके बाद तहव्वुर ने अमेरिका की कई अदालतों में अपील भी दाखिल की, लेकिन उसकी सभी याचिकाएं खारिज कर दी गई.कोर्ट ने फैसले में कहा था कि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे भारत भेजा जा सकता है.

पिछले साल अमेरिकी सरकार ने राणा को प्रत्यर्पित किए जाने के भारत के अनुरोध का समर्थन किया था. 13 नवंबर को, राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के में प्रमाणपत्र की रिट के लिए याचिका लगाई थी, जिसको कोर्ट ने खारिज कर दिया, 27 फरवरी को प्रत्यर्पण के खिलाफ एक याचिका दायर की थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट की जज एलेना कगन ने 6 मार्च को खारिज कर दिया था. इस आखिरी फैसले के बाद राणा को भारत लाया गया.

भारत आते ही राणा के केस में क्या-क्या हुआ?

तहव्वुर राणा के भारत पहुंचते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया, जिसके बाद NIA ने उसे कोर्ट में पेश किया. इस दौरान कोर्ट में उसके मुंबई हमलों के शामिल होने के सबूत पेश किए गए. कोर्ट में राणा का पक्ष लीगल सर्विसेज से एडवोकेट पीयूष सचदेवा ने रखा. NIA ने कोर्ट से 20 दिन की रिमांड की मांग की थी. घंटों चली बंद कमरों में बहस के बाद कोर्ट ने रात 2 बजकर 10 मिनट पर 18 दिन की रिमांड देने का फैसला सुनाया, इसके तुरंत बाद ही राणा को NIA मुख्यालय ले जाया गया. जहां आज से उससे पूछताछ होगी. इस पूछताछ में NIA को 17 साल पुराने कई सवालों के जवाब मिलने की उम्मीद है.

तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तानी मूल का एक कनाडाई नागरिक है, जो पहले अमेरिका के शिकागो में भी रह चुका है. राणा, 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली का करीबी साथी रहा है. तहव्वुर राणा ने पहले लगभग 10 साल तक पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर सेवा दी थी. इसके बाद उसने सेना की नौकरी छोड़ दी और भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया. राणा ने मुंबई हमलों की योजना में न सिर्फ हिस्सा लिया, बल्कि पाकिस्तानी आतंकियों को हर तरह की मदद भी पहुंचाई. वह इस पूरे हमले की साजिश और तैयारी का एक अहम हिस्सा था.

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