Teach a Lesson : चीन, पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश को सबक सिखाने की बारी

Bindash Bol

Teach a Lesson : ऑपरेशन सिंदूर के बाद हवाई संघर्ष में चार दिनों तक पाकिस्तान की लंका लगाने के बाद अब भारत सरकार ने बांग्लादेश का बैंड बजाने की पूरी तैयारी कर ली है. भारत ने बांग्लादेश से आने वाले सामान पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं. जिसकी वजह से आने वाले दिनों में बांग्लादेश की युनूस सरकार को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. शेख हसीना के सरकार पलटने के बाद भारत के बांग्लादेश के साथ संबंध कुछ अच्छे नहीं दिखाई दे रहे हैं. जिसका असर अब दोनों देशों के कारोबार पर दिखाई दे रहा है. वहीं दूसरी ओर बांग्लादेश की पाकिस्तान और चीन के साथ बढ़ती नजदीकियां भी भारत के लिए अच्छे संकेत नहीं है. ऐसे में भारत सरकार ने बांग्लादेश पर कूटनीतिक के साथ कारोबारी कार्रवाई करने का फैसला लिया है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर भारत ने बांग्लादेश को सबक सिखाने के लिए किस तरह के फैसले लिए हैं.

बांग्लादेश के सामान पर लगाए ये प्रतिबंध

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने शनिवार को बांग्लादेश से चुनिंदा वस्तुओं के इंपोर्ट पर नए बंदरगाह प्रतिबंधों की घोषणा की, जो तत्काल प्रभाव से लागू होंगे. अधिसूचना के अनुसार, बांग्लादेश से तैयार कपड़ों का इंपोर्ट अब केवल न्हावा शेवा और कोलकाता बंदरगाहों के माध्यम से ही किया जा सकेगा, न कि किसी भूमि बंदरगाह के माध्यम से. इसके अतिरिक्त, प्रोसेस्ड फूड, फल और फलों के स्वाद वाले या कार्बोनेटेड पेय, कपास और सूती धागे का वेस्ट, प्लास्टिक और PVC तैयार माल (पिगमेंट, डाई, प्लास्टिसाइज़र जैसे कच्चे इनपुट को छोड़कर) और लकड़ी के फर्नीचर सहित अन्य श्रेणियों के सामानों को भी विशिष्ट बंदरगाह प्रतिबंधों के अंतर्गत लाया गया है.

ये सामान रहेंगे प्रतिबंध मुक्त

इन वस्तुओं को असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम में स्थित लैंड कस्टम्स स्टेशंस (LCS) या इंटीग्रेटिड चेक पोस्ट (ICP) के साथ-साथ पश्चिम बंगाल में चंग्रबांधा और फुलबारी लैंड कस्टम्स स्टेशंस के माध्यम से इंपोर्ट नहीं किया जा सकता है. हालांकि, डीजीएफटी ने स्पष्ट किया कि ये बंदरगाह प्रतिबंध भारत से होकर नेपाल और भूटान जाने वाले बांग्लादेशी माल पर लागू नहीं होंगे. इसके अलावा, बांग्लादेश से मछली, एलपीजी, खाद्य तेल और कुचल पत्थर का आयात इन प्रतिबंधों से मुक्त रहेगा. यह घटनाक्रम पिछले महीने सरकार द्वारा ट्रांसशिपमेंट सुविधा को समाप्त करने के कदम के बाद हुआ है, जिसके तहत बांग्लादेश को बंदरगाहों और हवाई अड्डों तक पहुंच के लिए इंडियन लैंड पोर्ट का उपयोग करके तीसरे देशों को माल निर्यात करने की अनुमति दी गई थी.

क्यों लिया ये फैसला?

भारतीय परिधान क्षेत्र ने पहले भी चिंता जताई थी और सरकार से व्यापार असंतुलन का हवाला देते हुए बांग्लादेश को दिए गए ऐसे ट्रांजिट विशेषाधिकारों को वापस लेने का आग्रह किया था. यह निर्णय बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस द्वारा भारत के पूर्वोत्तर राज्यों पर हाल ही में की गई टिप्पणियों का नतीजा बताया जा रहा है. यूनुस ने चीन में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कथित तौर पर कहा था कि भारत के पूर्वी हिस्से में सात भू-आबद्ध राज्य हैं, जिन्हें सात बहनें कहा जाता है और उनके पास समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है. हम समुद्र (बंगाल की खाड़ी) के संरक्षक हैं. उन्होंने चीन को दुनिया भर में इसके माध्यम से माल भेजने के लिए आमंत्रित भी किया.

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