Tejashwi Yadav : दो-दो EPIC नंबर मामले में आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव बुरी तरह फंस चुके हैं. चुनाव आयोग ने इस मामले में उन्हें नोटिस भेजा है. आयोग ने 2 वोटर आई मामले में उनसे जवाब मांगा है. तेजस्वी से मतदाता पहचान पत्र की मूल प्रतियां मांगी गई है. तेजस्वी यादव ने प्रेस वार्ता में जिस EPIC को दिखाया था. चुनाव आयोग की प्राथमिक जांच में वह कहीं नहीं पाए गए.
दरअसल, भारत में एक व्यक्ति दो-दो वोटर आईडी कार्ड नहीं रख सकता है. यह गैरकानूनी है. यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत दंडनीय है. इस मामले में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को एक साल की जेल या जुर्माना हो सकता है. हालांकि, चुनाव आयोग मामले की जांच कर रही है. अगर दो वोटर आईडी का मामला सही पाया जाएगा तो यह गंभीर चुनावी अपराध माना जाएगा.
तेजस्वी का दूसरा EPIC आधिकारिक रिकॉर्ड में नहीं
तेजस्वी का वैध EPIC नंबर RAB0456228 है, जबकि RAB2916120 का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है इसलिए चुनाव आयोग ने इस मामले में तेजस्वी को नोटिस भेजा है और मतदाता पहचान पत्र की मूल प्रतियां मांगी है. दरअसल, आगामी विधानसभा चुनाव से पहले इस मामले ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है. इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब तेजस्वी ने ये दावा कि उनका नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में नहीं है.
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में EPIC नंबर RAB2916120 शेयर किया, जिसे खोजने पर ‘नो रिकॉर्ड फाउंड’ का मैसेज आया. इसके बाद चुनाव आयोग ने कहा कि उनका नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में है. आयोग ने कहा कि तेजस्वी का नाम RAB0456228 EPIC नंबर (पाटलिपुत्र क्षेत्र, मतदान केंद्र 204, क्रमांक 416) के साथ है. आयोग ने ये भी कहा कि तेजस्वी ने इस EPIC नंबर का इस्तेमाल 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में किया था.
चुनाव आयोग ने शुरू की मामले की जांच
चुनाव आयोग का कहना है कि तेजस्वी का दूसरा EPIC नंबर आधिकारिक रिकॉर्ड में नहीं है और संभवतः यह फर्जी हो सकता है. चुनाव आयोग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और तेजस्वी को नोटिस जारी कर RAB2916120 नंबर के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है. उधर, तेजस्वी ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है. उन्होंने दावा किया कि उनका EPIC नंबर बदल दिया गया है.
तेजस्वी के पास 2-2 EPIC नंबर कैसे आ गए?
2-2 EPIC नंबर के बाद से बीजेपी-जेडीयू के नेता तेजस्वी पर लगातार हमलावर हैं. बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और जेडीयू नेता नीरज कुमार ने इसे जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का उल्लंघन बताया है. वहीं, बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने कहा कि तेजस्वी के पास आखिर 2-2 EPIC नंबर कैसे आ गए? उन्होंने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए भ्रम फैलाने की कोशिश की. क्या तेजस्वी के पास 2-2 वोटर आईडी कार्ड हैं? ये जघन्य अपराध है. 2020 में उन्होंने जिस EPIC नंबर से चुनाव लड़ा था और इस बार जो उनका वोटर कार्ड बना है वो दोनों एक ही है.
बिहार में 7.24 करोड़ वोटर, 65 लाख नाम हटे
बिहार में SIR के पहले चरण के तहत कुल 7.24 करोड़ मतदाता हैं. 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं. जिनके नाम हटाए गए हैं, उनमें मृत, विस्थापित और विदेशी मतदाता शामिल हैं. चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया है कि 24 जून 2025 तक बिहार में 7.89 करोड़ मतदाता थे. बिहार में एसआईआर की शुरुआत 24 जून 2025 को हुई थी. 26 जुलाई को इसका पहला चरण पूरा हो गया था.
