US attacks Iran : ईरान पर अमेरिका का परमाणु हमला फुस्स! यूरेनियम पहले ही गायब, न्यूयॉर्क टाइम्स का बड़ा खुलासा”

Bindash Bol

US attacks Iran : अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) की अब से थोड़ी देर पहले कीप्रेस ब्रीफिंग में जो खुलासे हुए हैं, वे अमेरिकी हमले की सफलता पर बड़े सवाल खड़े करते हैं।
रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल डैन केन ने भले ही ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ को “भारी सफलता” बताया हो, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही कह रही है।

पेंटागन के अनुसार अमेरिकी सेना ने शनिवार रात ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों – फोर्डो, नतांज और इस्फहान – पर बड़े पैमाने पर हमला किया। इस मिशन में 7 B-2 स्टील्थ बॉम्बर, 125 से अधिक विमान, गाइडेड मिसाइल पनडुब्बी और 14 GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर (30,000 पाउंड के बंकर-बस्टर बम) का इस्तेमाल किया गया।

पेंटागन ने दावा किया कि तीनों ठिकानों को “गंभीर नुकसान” पहुंचा है, लेकिन यह भी स्वीकार किया कि पूर्ण आकलन में समय लगेगा। हेगसेथ ने कहा, “यह #मिशन शासन परिवर्तन के लिए नहीं था, बल्कि ईरान की परमाणु क्षमता को नष्ट करने के लिए था।

उधर “न्यूयॉर्क टाइम्स” ने सनसनीखेज खुलासा किया है कि ईरान ने अमेरिकी हमले से पहले ही अपने यूरेनियम भंडार और महत्तवपूर्ण उपकरणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया था।

ईरान सरकार की “इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान ब्रॉडकास्टिंग” (IRIB) के ‘राजनीतिक विभाग’ के उप-प्रमुख “हसन अबेदिनी” ने खुलासा किया कि 400 किलोग्राम (880 पाउंड) के 60% शुद्धता वाले यूरेनियम भंडार को हमले से पहले ही हटा दिया गया था।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ ईरानी सूत्र ने बताया कि फोर्डो सुविधा से अधिकांश उच्च संवर्धित यूरेनियम को अज्ञात स्थान पर पहले ही स्थानांतरित कर दिया गया था।

सैटेलाइट इमेजरी में फोर्डो परिसर के बाहर ट्रकों की लंबी कतारें दिखाई दी हैं, जो इस बात की पुष्टि करती हैं कि ईरानी अधिकारियों ने संवेदनशील परमाणु सामग्री के स्थानांतरण के लिए एहतियाती उपाय किए थे।
उपराष्ट्रपति “जेडी वांस” ने NBC न्यूज के “मीट द प्रेस” कार्यक्रम में बड़ी बेबसी के साथ स्वीकार किया कि अमेरिकी अधिकारी यह नहीं जानते कि ईरान का यूरेनियम भंडार अब कहां है। वांस ने कहा, “हम आने वाले हफ्तों में इस मुद्दे पर ईरान के साथ चर्चा करेंगे”।
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक “राफेल मारियानो ग्रॉसी” ने CNN को बताया कि एजेंसी वर्तमान में ईरान के उच्च संवर्धित यूरेनियम भंडार के स्थान को सत्यापित करने में असमर्थ है। ग्रॉसी ने कहा, “युद्ध के समय में, सभी परमाणु #साइटें बंद हैं। कोई निरीक्षण क्या कोई सामान्य गतिविधि भी नहीं हो सकती”

अमेरिकी और इजराइली सैन्य आकलन के अनुसार, फोर्डो साइट को गंभीर नुकसान हुआ है लेकिन यह पूरी तरह नष्ट नहीं हुई है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार,12 बंकर-बस्टर बम भी इस भूमिगत सुविधा को पूरी तरह खत्म करने के लिए पर्याप्त नहीं थे।

यदि यह सब सही है तो इसका अर्थ यह हुआ कि अमेरिका अपने ही मैच फिक्सिंग में खुद ही फंस गया है और यह खतरा खत्म होने की बजाय और बढ़ गया है।

बदले की आग में जल रहा ईरान इस यूरेनियम का इस्तेमाल छोटे छोटे टैक्टिकल वेपन (पाकिस्तान के पूर्व मंत्री शेख रशीद के शब्दों में आधा पाव और पाव-पाव भार के एटम बम) से अपने अपने प्रॉक्सी नेटवर्क,गुप्त ऑपरेटिव्स (हिज़्बुल्ला, हूथी, हमास और अन्य चरमपंथी संगठनों) के जरिये
दुनिया भर में अमेरिकी और इज़राइली संस्थानों, दूतावासों, सैन्य ठिकानों, तेल टैंकरों, और महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर पर अप्रत्याशित हमले करा सकता है।

यह खतरा अब और ज्यादा बिखरा, छुपा हुआ और वैश्विक रूप ले सकता है और यही सबसे बड़ी चिंता है।

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