कौशल किशोर शुक्ला
Vande Mataram : कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज लोकसभा में वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर विशेष चर्चा में भाग लेते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी के भाषण पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने मोदी के नेहरू पर आरोपों को खारिज किया, बहस को राजनीतिकरण का आरोप लगाया और नेहरू की विरासत की रक्षा की। उनका भाषण भावुक और ऐतिहासिक तथ्यों से भरपूर था, जिसमें उन्होंने कहा कि वंदे मातरम स्वतंत्रता संग्राम की ‘आत्मा’ है।
नीचे भाषण के कुछ मुख्य प्वाइंट्स हैं, जिन्हें जानना चाहिए ताकि हम आप भी बहस कर सकें।
प्रियंका ने मोदी को सीधे संबोधित करते हुए कहा कि आपको नेहरू जी से जितनी शिकायतें हैं, जितनी गलतियां लगती हैं, जितना अपमान करना है, गालियां देनी हैं… उसकी एक लिस्ट बना लीजिए। नेहरू जी का जितना अपमान करना है कर लीजिए, फिर लेट्स क्लोज द चैप्टर’।
उन्होंने कहा कि जितने साल मोदी जी अब तक पीएम रहे हैं, उतने साल नेहरू जी जेल में रहे। नेहरू जी इस देश के लिए जिए, देश की सेवा करते-करते उन्होंने दम तोड़ा।
प्रियंका ने आरोप लगाया कि यह बहस बंगाल चुनाव की वजह से हो रही है, न कि सच्चे राष्ट्रप्रेम से। संसद में राष्ट्रीय गीत पर चर्चा हो रही है, लेकिन जनता का विश्वास, दायित्व और जिम्मेदारी पर ध्यान क्यों नहीं? पीएम ने इसे शुरू किया, लेकिन मकसद भविष्य से भागना और अतीत में उलझना है।
उन्होंने मोदी पर तंज कसा, प्रधानमंत्री अब वैसा नहीं नजर आते, जैसा पहले हुआ करते थे। आप अच्छा भाषण देते हैं, लेकिन तथ्यों में कमजोर पड़ जाते हैं। मैं जनता की प्रतिनिधि हूं, कोई कलाकार नहीं।
वंदे मातरम को देश की आत्मा का हिस्सा बताया, कहा, 1896 में रवींद्रनाथ टैगोर ने गाया, 1905 में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई में इस्तेमाल हुआ। ब्रिटिश हुकूमत इसके सामने झुक गई।
कांग्रेस ने 28 अक्टूबर 1937 को इसे राष्ट्रगीत घोषित किया, जिसमें गांधी, नेहरू समेत सभी महापुरुष सहमत थे। नेहरू पर मोदी के ‘मुस्लिम तुष्टीकरण’ आरोप का खंडन करते कहा, यह एकता का प्रतीक है, विभाजन का नहीं।
प्रियंका ने कहा कि सरकार वंदे मातरम की आड़ में देश की असलियत महंगाई, बेरोजगारी छिपा रही है। अपील की, इस गीत की भावना से राष्ट्र निर्माण करें, राजनीति न करें।
