- वक़्फ़ संशोधन विधेयक 2024 आज लोकसभा में होगा पेश
- देश शरिया से नहीं संविधान से चलेगा : मोदी सरकार
- वक़्फ़ बोर्ड की मनमानी और एक तरफा निर्णय पर लगाता है लगाम
- इस संशोधन विधेयक की सबसे बड़ी खासियत पूरे देश को संदेश देना है कि देश संविधान से चलेगा, सरिया से नहीं
Waqf Amendment Bill :केंद्र सरकार लोकसभा में आज वक्फ संशोधन विधेयक पेश करेगी। दोपहर 12 बजे वक्फ संशोधन बिल सदन में पेश किया जा सकता है। वक्फ बिल के समर्थन में बीजेपी को JDU और TDP का साथ मिल गया है। ऐसे में विपक्ष में कांग्रेस ने भले ही व्हिप जारी किया है, लेकिन वक्फ संशोधन विधेयक का सदन से पास होना तय माना जा रहा है। विपक्ष ने बिल पर 12 घंटे चर्चा की मांग की थी, लेकिन सरकार ने 8 घंटे का वक्त दिया है।
JDU और TDP के सुझाव सरकार ने माने
केंद्र सरकार ने JDU और TDP के तीनों सुझाव मान लिए हैं। ऐसे में बीजेपी को दोनों पार्टियों का समर्थन मिल गया है।
- कानून को पिछली तारीख से लागू नहीं करना चाहिए।
- पुरानी मस्जिद, दरगाह या दूसरे मुस्लिम धार्मिक स्थान से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
- जमीन राज्यों का विषय है। जमीन पर राज्यों की भी स्पष्ट राय ली जाए।
वक्फ संशोधन बिल से ये होगा बदलाव
पुराना कानून
- सेक्शन 40 में रीजन टु बिलीव के तहत अगर वक्फ बोर्ड किसी प्रॉपर्टी पर दावा करता है तो उस प्रॉपर्टी का मालिक सिर्फ ‘वक्फ ट्रिब्यूनल’ में ही अपील कर सकता है।
- वक्फ ट्रिब्यूनल का फैसला आखिरी माना जाता है। उसे चुनौती नहीं दी जा सकती।
- किसी जमीन पर मस्जिद हो या उसका उपयोग इस्लामिक कामों के लिए हो तो वह ऑटोमैटिक वक्फ संपत्ति हो जाती है।
- वक्फ बोर्ड में महिलाओं और अन्य धर्म के लोगों की नियुक्ति नहीं हो सकती।
संशोधन विधेयक के पास होने के बाद क्या होगा बदलाव
1.अब राज्य की सरकार किसी भी संपत्ति को वक़्फ़ घोषित नहीं सकती। अब बकायादे कानूनी रूप से ऐसा किया जा सकता है। यानी अब संपत्ति का कागज दिखाना ही होगा।
- कोई गैर मुसलमान संपत्ति दान तो कर सकता है मगर उसे संपत्ति को वक़्फ़ की संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकता। मुसलमान में भी प्रैक्टिसिंग मुस्लिम यानी अगर आप आज मुस्लिम धर्म अपनाते हैं तो आपको कम से कम 5 साल इसी धर्म में रहना होगा तब जाकर आप अपनी संपत्ति को वक़्फ़ संपत्ति को दान दे सकते हैं।
3.वक़्फ़ बोर्ड की संपत्तियों का CAG से ऑडिट होगा। उनके कामकाज का भी ऑडिट किया जाएगा। भ्रष्टाचार और लूट का धंधा बंद होगा।
- अब वक़्फ़ बोर्ड के फैसले को न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है।
5 वक़्फ़ बोर्ड अब संविधान के दायरे में काम करेगा
दरअसल में कांग्रेस की सरकार ने सरिया के मुताबिक जो कानून बना दिए उन कानून को संविधान सम्मत बनाया जा रहा है। 1992 में बाबरी मस्जिद ढांचा गिराए जाने के बाद कांग्रेस पार्टी को यह बात महसूस होने लगी कि मुसलमानों को किसी भी हालत में खुश करना है। लिहाजा 1995 में कांग्रेस की सरकार ने वक़्फ़ बोर्ड कानून बनाया। 2013 में कांग्रेस की सरकार ने मुसलमान को खुश करने के लिए इस बोर्ड को सरकार ने एक्स्ट्रा कांस्टीट्यूशनल पावर दे दिया था। संशोधन विधेयक आने के बाद वक़्फ़ बोर्ड संविधान के दायरे में काम करेगा।