World Heart Day: ऐ दिल , संभल जा ज़रा

Bindash Bol

ध्रुव गुप्त
(आईपीएस) पटना
World Heart Day: आज अंतर्राष्ट्रीय दिल दिवस है। डाक्टरों वाले दिल की बात तो डॉक्टर लोग जाने, हम कवियों, शायरों, आशिकों वाला दिल एक अलग ही शै है। यह न दवा की सुनता है और न दुआ की। हमारी तमाम ख्वाहिशें, खुशियां और उदासियां यहीं टहलती हैं। एक जगह स्थिर भी नहीं रहता यह। उम्र भर इसके लेन-देन का सिलसिला चलता है। कुछ लोग इसे मासूम कहते हैं लेकिन सच यह है कि यह रंग बदलने में गिरगिट को भी शर्मिंदा कर दे। हमारी सोच के अनुरूप यह कभी उजला है,कभी काला तो कभी बेरंग भी। इस नामुराद दिल ने जीवन के किसी न किसी दौर में हम सबको मारा है। इस दिल को बाहर कर दें तो प्रेम ही नहीं, दुनिया भर का साहित्य भी मुंह के बल गिर जाएगा।

बहरहाल तमाम दिलवालों को आज के दिल दिवस की बधाई ! इसे संभालकर रखें, सलामत रखें। इसकी सलामती की कुंजी किसी डॉक्टर के पास नहीं है। उनके पास है जिन्हें आप प्यार करते हैं या जो आपको प्यार करते हैं। सो टूटकर प्यार करिए। दुआ है कि आपको भी आपके हिस्से का प्यार मिले। ठोकर भी मिल जाय तो उसे खुशी खुशी स्वीकार करें। यह वाला दिल टहलने, बादाम खाने या डॉक्टर की सलाह मान लेने से नहीं, ठोकरें खाने से मजबूत होता है।

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