ये कल्पना की उड़ान है…. 2100 पर भारी पड़ा 2500, महिला चेहरे ने पलट दिया गेम

Ujjwal Kumar Sinha
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उज्जवल कुमार सिन्हा

रांची : सियासत का ककहरा पढ़ने में माहिर माने जाने वाली बीजेपी हरियाणा और महाराष्ट्र में चुनाव जीतकर इतिहास बनाती है. उत्तर प्रदेश में गिरकर फिर उठ खड़ी होती है. ऐसे में यह बात समझ में नहीं आती की झारखंड और पश्चिम बंगाल का राजनीतिक ककहरा पढ़ने में बीजेपी क्यों फेल हो रही है. अब बात राजनीति की गलियारों में सुनाई देने लगी है कि ये कल्पना की उड़ान है…. 2100 पर भारी पड़ा 2500, महिला चेहरे ने पलट दिया गेम. लिहाजा, महाराष्ट्र में रिकॉर्ड अंतर से जीतने वाली बीजेपी झारखंड में रिकॉर्ड अंतर से हार जाती है. महाराष्ट्र में जो वजह गेमचेंजर कहा जा रहा है, वही वजह झारखंड में बीजेपी के लिए सिरदर्द बन जाती है. ज़ाहिर है कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार में प्रयोग सफल रहने के बाद जिस भी सूबे के सीएम ने महिला शक्ति को साधने का प्रयास किया है हार की कगार पर बैठी पार्टी बड़े आराम से जीत जाती है.

अगर थोड़ा पीछे मुड़कर देखें तो मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर सारी पार्टियां आश्वस्त थी कि शिवराज चौहान की सरकार जाने वाली है. लेकिन CM शिवराज ने महिलाओं के लिए योजना लाकर सबकुछ बदल दिया और बीजेपी ने लेंड स्लाइड विक्ट्री पाकर कांग्रेस का सपना चकनाचूर कर दिया. हाल के दिनों में महिला सशक्तिकरण वाली योजनाओं का प्रभाव अब अन्य राज्यों में भी देखा जा रहा है, जिनमें आज महाराष्ट्र और झारखंड शामिल हैं.

मंईयां सम्मान योजना ने पलटा खेल?

अगर आंकड़ों पर गौर करें तो चुनाव आयोग ने वोटिंग के बाद 21 नवंबर को झारखंड में 67.74 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड मतदान का दावा किया. बकौल चुनाव आयोग मतदान में 1 करोड़ 76 लाख 81 हजार 7 लोगों ने हिस्सा लिया था जिनमें महिला मतदाताओं की संख्या पुरूष से 5 लाख 51 हजार 797 ज्यादा रही है. इतना ही नहीं आयोग के मुताबिक 81 में 68 विधानसभा सीटों में महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में ज्यादा मतदान किया है.
जाहिर है चुनाव आयोग का ये आंकड़ा हेमंत सोरेन की सफलता की कहानी कहता है. सीएम हेमंत सोरेन रिकॉर्ड सीटों के अंतर से सरकार बनाने जा रहे हैं और इसकी वजह कोई है तो वो है मईयां सम्मान योजना. इस योजना के तहत हेमंत सोरेन की सरकार राज्य की 21 साल से 50 साल तक की महिलाओं को हजार रुपए की राशी प्रति महीने देकर साधने का प्रयास किया. ये राशी गरीब आदिवासियों और सामान्य महिलाओं को जीतने में कामयाब रही. इसलिए बड़ी संख्या में महिलाएं बाहर आकर हेमंत के पक्ष में भारी मतदान किया.

हेमंत के दांव से बीजेपी चित्त

बीजेपी समझ रही थी कि हेमंत ने वही खेल खेला है जो शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश में और एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र में खेला है. इसलिए बीजेपी ने महिलाओं को साधने के लिए सरकार बनने के बाद 2100 रुपये प्रतिमाह देने का वादा कर दिया … ज़ाहिर है सरकार हेमंत सोरेन की थी. इसलिए हेमंत सोरेन ने चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले चुनाव जीतने के बाद महिलाओं को प्रतिमाह राशी 1000 रूपये बढ़ाकर 2500 कर दी. हेमंत सोरेन हजार रुपये की राशी देना शुरू कर चुके थे और दिसंबर में सरकार बन जाने के बाद 2500 देने की घोषणा कर चुके थे.

लिहाजा बीजेपी का दांव धरा का धरा रह गया और हेमंत सोरेन के पक्ष में महिलाएं वोट डालते झारखंड में देखी गईं. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि हेमंत सोरेन की 2100 की जगह 2500 देने की योजना काम कर गई. इसीलिए हेमंत सोरेन बड़े अंतर से चुनाव जीत सत्ता में वापसी कर झारखंड के लिए इतिहास बना दिया.

28 विधानसभा में महिला मतदाता पुरूषों से ज्यादा

अगर झारखंड में फैक्ट की बात करें तो राज्य में महिला मतदाता 28 विधानसभा क्षेत्र में ज्यादा संख्या में हैं. इसलिए मईंयां सम्मान योजना का असर 28 सीटों पर सीधा पड़ा है, ऐसा तय माना जा रहा है. जाहिर है महिलाओं का उत्साह इस बात का सबूत है कि 28 सीटों पर ज्यादा संख्या और बाकी के अन्य 40 सीटों पर हेमंत के मईयां योजना से लाभान्वित होने की वजह से हेमंत सोरेन के पक्ष में जोरदार मतदान किया है.

संथाल परगना, कोल्हान, उत्तरी छोटानागपुर, दक्षिणी छोटानागपुर सहित पलामू में हेमंत सोरेन के पक्ष में अन्य कारकों के अलावा मईयां सम्मान योजना ने खूब लाभ हेमंत सोरेन को पहुंचाया है. इसलिए हेमंत सोरेन जेल से ज़मानत पर बाहर निकलने के बाद प्रदेश की जनता के लिए अपनी तिजोरी खोल दी और इसका लाभ उन्हें चुनाव में सीधे तौर पर मिला है.
ज़ाहिर है जेल से निकलने के बाद मईयां सम्मान योजना की वजह से हेमंत सोरेन की लोकप्रियता महिलाओं में काफी बढ़ी. इसलिए हेमंत सोरने बीजेपी और उसके घटक दल को पटखनी देने में कामयाब रहे.

ये कल्पना की उड़ान है…

सीएम हेमंत सोरेन के जेल जाते ही उनकी पत्नी कल्पना सोरेन समय की नजाकत को समझ चुकी थी. लिहाजा पॉलिटिकल ग्राउंड में वह अपने आप को एक्टिव कर चुकी थी. नतीजा
गांडेय से कल्पना उपचुनाव जीतने में कामयाब रहीं. महज कुछ महीने के दरमियान ही कल्पना की राजनीतिक परिपक्वता हैरान करने वाली थी. कल्पना सोरेन लोगों के बीच ये भरोसा कायम करने में कामयाब रहीं कि उनके पति हेमंत सोरेन को केन्द्र की सरकार जानबूझकर तंग कर रही है. कल्पना की लोकप्रियता इस कदर बढ़ी कि महिलाएं और हेमंत सरकार के बीच कल्पना सेतु का काम करती दिखने लगीं. यही वजह है कि कल्पना सोरेन की मांग झारखंड में चारों तरफ होने लगी और सोरेन दंपत्ती ने चुनाव प्रचार का शतक लगाकर महिलाओं के बीच पैठ बनाने में जोरदार कामयाबी हासिल की है.

दोबारा सत्ता वापसी में कामयाब

कल्पना गांडेय से फिर जीत गई हैं. वहीं कल्पना और हेमंत सोरेन के कैंपेन की वजह से कांग्रेस कमजोर कड़ी रहते हुए भी भारी जीत हासिल की है. इस जीत में हेमंत सोरेन सरकार द्वारा गैस सिलिंडर 450 में देने का वादा करना भी सहायक माना जा रहा है. जाहिर है बीजेपी जिन मुद्दों के सहारे झारखंड जीतना चाह रही थी उसे सोरेन दंपत्ती ने नाकामयाब कर दिया और हेमंत सोरेन दोबारा सत्ता में वापसी करने में कामयाब रहे.

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