Rohini Acharya : लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की बेटी रोहिणी आचार्य भारतीय राजनीति के एक प्रमुख परिवार से संबंध रखती हैं, लेकिन उनकी पहचान केवल यही नहीं है, बल्कि एक मुखर सामाजिक कार्यकर्ता और परिवार की स्तंभ के रूप में भी है. बिहार चुनाव रिजल्ट के बाद उनके द्वारा पार्टी और परिवार को अलविदा कहने की खबरें सामने आई हैं, जिसने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है.
रोहिणी आचार्य दिसंबर 2022 में अपने पिता और आरजेडी संरक्षक लालू प्रसाद यादव को किडनी दान करने के लिए चर्चा में थीं.रोहिणी ने जब पिछले साल आम चुनाव लड़ा था तब उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र में “किडनी देने वाली बेटी” के नाम से जाना जाता था. उनकी सीट सारण थी. यहां से उनके पिता लालू यादव चार बार जीते थे. हालांकि वह अब पांच बार के सांसद राजीव प्रताप रूडी से हार गईं, लेकिन उनके भाषण ने आरजेडी के समर्थकों को प्रभावित किया.
रोहिणी यादव के नाम के आगे आचार्य क्यों?
रोहिणी का नाम इसलिए पड़ा क्योंकि हिंदू पंचांग के अनुसार उनका जन्म ‘रोहिणी नक्षत्र’ में हुआ था. उनका उपनाम पटना की एक स्त्री रोग विशेषज्ञ से लिया गया था. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. कमला आचार्य ने ही रोहिणी का जन्म कराया था, लेकिन लालू यादव से कोई फीस लेने से इनकार कर दिया. लालू यादव के बार-बार कहने पर डॉक्टर ने एक ही अनुरोध किया. मुझे फीस मत दीजिए, नवजात को मेरा नाम दे दीजिए. लालू मान गए और नवजात को रोहिणी आचार्य के नाम से जाना जाने लगा.
रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया कि मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं. संजय यादव और रमीज़ ने मुझसे यही करने को कहा था और मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं.
एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद, रोहिणी ने 2002 में समरेश सिंह से शादी कर ली. समरेश सिंह पटना के पास इच्छानबीघा में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. यह जोड़ा पहले अमेरिका गया और फिर सिंगापुर चला गया. यहां वे अपने दो बच्चों के साथ रहते हैं.
तेजस्वी ने घर से निकाला
लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य राबड़ी आवास दस सर्कुलर रोड पटना से दिल्ली के लिए रवाना हो गई हैं. कुछ घंटे पहले ही उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करके अपनी नाराजगी जाहिर की थी. अब दिल्ली के लिए रवाना हो गईं. ये वही घर है जिसमें लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव रहते हैं. दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, मेरा कोई परिवार नहीं है. उन्होंने ही मुझे परिवार से निकाला है. उन्हें जिम्मेदारी नहीं लेनी है. सारी दुनिया सवाल कर रही है कि पार्टी का ऐसा हाल क्यों हुआ है?

रोहिणी आचार्य ने कहा, ‘मेरा कोई परिवार नहीं है. अब ये जाकर संजय, रमीज और तेजस्वी यादव से जाकर पूछिए. मेरा कोई परिवार नहीं है. इन्हीं लोगों ने मुझे घर से निकाला है. इनको हार की जिम्मेदारी लेनी नहीं है. पूरी दुनिया बोल रही है, जो चाणक्य बनेगा सवाल उसी से किया जाएगा ना! जब कार्यकर्ता चाणक्य से सवाल कर रहा है, सब सवाल कर रहे हैं कि पार्टी का ऐसा हाल क्यों हुआ? जब संजय, रमीज और तेजस्वी यादव का नाम लो तो आपको घर से निकाल दिया जाएगा. आपको बदनाम किया जाएगा. आपको गाली दिलवाई जाएगी और चप्पल उठाकर आपको मारा जाएगा’.
पार्टी और परिवार दोनों में मचा घमासान
बता दें कि विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद लालू यादव की पार्टी और परिवार दोनों में घमासान मचा है. लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने राजनीति और परिवार दोनों छोड़ने का फैसला लिया है. इस फैसले के लिए रोहिणी ने संजय यादव और रमीज का नाम लिया है.
संजय से क्यों खफा हैं रोहिणी?
दरअसल, छपरा से लोकसभा चुनाव हारने के बाद से ही रोहिणी आचार्य संजय यादव से खफा हैं. तेज प्रताप यादव प्रकरण से भी रोहिणी संजय यादव से ही खफा हैं. तेज प्रताप भी पार्टी और परिवार से बेदखल होने का जिम्मेदार संजय यादव, जिसे वह जयचंद कहते हैं, उसी को मानते हैं. रोहिणी को लगता है की पार्टी के नेता और कार्यकर्ता और तेजस्वी यादव के बीच में संजय यादव एक बैरियर हैं.
